GANGA EXPRESS WAY

गंगा एक्सप्रेसवे 

(GANGA EXPRESS WAY)


Ganga Express Way

यातायात को सुगम बनाने में एक्सप्रेसवे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज वर्तमान में देश में बहुत सारे एक्सप्रेसवे बनाये जा रहे हैं जिससे एक जगह से दूसरी जगह जाने की दूरी को कम किया जा सके। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Express Way) का निर्माण किया जायेगा जो उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा तथा भारत का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे जो उत्तर प्रदेश के मेरठ (बिजौली गाँव) से प्रयागराज (जुदापुर दांडू गाँव) तक बनेगा। वर्तमान में इसे 6 लेन का बनाया जायेगा जिसमें बाद में इसे 8 लेन तक विस्तार किया जा सकेगा। यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ने का काम करेगा जिससे आवागमन सुगम हो जायेगा। व्यापार की दृष्टि से कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचा जा सकेगा।


परियोजना का निर्माण - 

इस परियोजना का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इन्डस्ट्रीयल डेवलेपमेन्ट ऑथारिटी (UPEIDA) के द्वारा किया जायेगा। 


महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts) -

  • निर्माण करने वाली कम्पनी - अडानी ग्रुप (Adani Group) एवं आई0आर0बी0 इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स (IRB Infrastructure Developers)
  • लम्बाई - 594 किमी0
  • कितने जिलों से होकर गुजरेगा - यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा जिसके अन्तर्गत 519 गाँव आते है।
  • दूरी - दूरी की बात करें तो इसका निर्माण हो जाने के बाद मेरठ से प्रयागराज की दूरी सिमट कर करीब 6 घंटे की रह जायेगी।
  • इसके निर्माण में खर्च लगभग 36000 करोड़ का होगा।
  • लेन की संख्या - वर्तमान में 6 लेन (भविष्य में इसे 8 लेन तक विस्तार किया जा सकेगा)
  • हवाई पट्टी - विमानों की इमरजेन्सी लैंडिंग के लिए शाहजहाँपुर में करीब 3.5 किलोमीटर की हवाई पट्टी का निर्माण किया जायेगा।


किन जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे -

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। पहले यह एक्सप्रेसवे गंगा नदी के किनारे बनाना प्रस्तावित था। परन्तु अब यह गंगा नदी से करीब 10 किलोमीटर समानान्तर बनाया जायेगा। अधिकतर एक्सप्रेसवे की दूरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होगी बाकी अन्य जिलों में। एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण का कार्य किया जा रहा है।


यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों से होकर गुजरेगा -

मेरठ (15 किमी0), हापुड़ (33 किमी0), बुलन्दशहर (11 किमी0), 

अमरोहा (26 किमी0), संभल (39 किमी0), बदायूँ (92 किमी0)

शहजहाँपुर (40 किमी0), हरदोई (99 किमी0), उन्नाव (105 किमी0)

रायबरेली (77 किमी0), प्रतापगढ़ (41 किमी0), प्रयागराज (16 किमी0)


रोजगार के अवसर

इस एक्प्रेसवे के निर्माण में हजारो लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। साथ ही साथ इस एक्प्रेसवे के किनारे कई तरह के औद्योगिक कारखानो का निर्माण भी किया जाना प्रस्तावित है। जिससे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। 


निष्कर्ष -

अंतता यह कहा जा सकता है कि गंगा एक्सप्रेसवे के बनने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश से पूर्वी उत्तर प्रदेश में आवागमन सुगम होगा तथा पर्यटन, व्यापार आदि को बढ़ावा मिलेगा। राज्य को और अधिक विकास के लिए ऐसे एक्प्रेसवे की आवश्यकता है। इस एक्सप्रेसवे की नींव 18 दिसम्बर, 2021 को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा शहजहाँपुर में रखी गई। और जिसका निर्माण 2023-24 तक प्रस्तावित है। आशा करते हैं कि यह जल्द से जल्द बनकर तैयार हो जायेगा। जब यह बनकर तैयार होगा यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा।



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