भारत का संविधान - CONSTITUTION OF INDIA
भारत का संविधान
(CONSTITUTION OF INDIA)
संविधान क्या है?
किसी भी देश की शासन व्यवस्था को चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता होती है। संविधान लिखित और अलिखित दोनो प्रकार से हो सकते हैं। संविधान में देश की राजनीतिक व्यवस्था, न्यायिक व्यवस्था सम्बधी नियम व कानून तथा नागरिकों के मूल अधिकार व कर्तव्यों का संकलन होता है। आज हम अपने इस लेख में भारत के संविधान के महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानेंगे।
भारत का संविधान कब लागू हुआ?
आजादी के बाद देश में व्यवस्थाओं को संचालित करने के लिए संविधान का निर्माण किया गया। भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 29 अगस्त, 1947 को संविधान निर्माण के लिए प्रारूप समिति का गठन किया गया जिसका अध्यक्ष डॉ0 भीम राव अम्बेड़कर को बनाया गया। डॉ0 अम्बेड़कर के नेतृत्व में विभिन्न देशों के संविधानों की समीक्षा कर भारतीय संविधान का मसौदा तैयार हुआ। 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा द्वारा यह मसौदा स्वीकृत हुआ तथा 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ। इसी दिन को हम सब भारतवासी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
सबसे बड़ा गणतंत्र
भारत विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र है क्योंकि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत के संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा। संविधान लागू होने के समय इसमें 395 अनुच्छेद 8 अनुसूचियाँ तथा 12 भाग थे जो अब वर्तमान में 470 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियाँ तथ 25 भाग शामिल है।
प्रेम बिहारी नारायण रायजादा के विषय में कुछ महत्वपूर्ण बातें -
संविधान के निर्माण में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा का विशेष योगदान है क्योंकि यह वही व्यक्ति थे जिन्होने हमारे संविधान की मूल प्रति को अपने हाथों से लिखा था तथा इसे लिखने में उन्हे 6 महीने का समय लगा था। इसके मेहनताने के रूप में उन्होने कोई रकम नहीं ली थी। उनकी बस इतनी शर्त थी की संविधान के हर पन्ने पर वो अपना नाम लिखेंगे एवं अंतिम पृष्ठ पर अपने व अपने दादा का नाम लिखेंगे। जिसे सम्मान के साथ स्वीकार किया गया था।
डॉ0 भीम राव अम्बेड़कर का योगदान -
संविधान निर्माण में डॉ0 भीम राव अम्बेड़र का योगदान सर्वोपरि है। इनकी अध्यक्षता में 29 अगस्त 1947 को संविधान का मसौदा तैयार करने की समिति का गठन किया गया तथ इन्ही की देख रेख में संविधान निर्माण की प्रक्रिया को पूरा किया गया इसलिए डॉ0 भीम राव अम्बेड़कर को संविधान निर्माता भी कहा जाता है।
भारत का संविधान किन-किन देशों से लिया गया है -
भारत का संविधान 10 देशों के संविधान से मिलकर बना है। डॉ अम्बेडकर ने देश के संविधान को लिखने के लिए पहले कई देशों के संविधान का अध्ययन किया तथा उसके पश्चात अपने देश का संविधान का निर्माण किया।
आईये जानते हैं वे कौन से देश है जिनसे मिलकर भारत का संविधान बना है -
संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, आयरलैंड, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, साऊथ अफ्रीका, कनाड़ा, सोवियत संघ, जपान तथा फ्रांस।
भारत के संविधान के विषय में कुछ महत्वपूर्ण बातें -
- संविधान की प्रस्तावना में लिखित है कि संविधान अपनी शक्तियाँ सीधे जनता से प्राप्त करता है।
- ‘‘हम भारत के लोग’’, इसी वाक्य से संविधान की शुरूआत होती है।
- धारा-79 के अनुसार भारत में केन्द्रीय संसद परिषद में राष्ट्रपति तथा दो सदन राज्य सभा तथा लोक सभा की व्यवस्था की गई है।
- देश में सर्वोच्च पद पर राष्ट्रपति नियुक्त होते हैं तथा संविधान की धारा-74(1) में यह लिखित है कि उनकी सहायता करने एवं सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगा जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा।
- भारतीय संविधान की मूल प्रति इटैलिक शैली में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई थी। तथा हिन्दी संस्करण को बसंत कृष्ण वैद्य द्वारा लिखा गया।
- संविधान की मूल प्रति को हाथ से लिखा गया जो हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनो भाषाओं में उपलब्ध है।
- संविधान की मूल प्रति भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हीलियम के केस में सुरक्षित रखी गई है।
- इस प्रति पर 284 संसद सदस्यों ने हस्ताक्षर किये थे जिनमें 15 महिला सदस्य भी शामिल थी।
- भारतीय संविधान के प्रस्तावना को अमेरिका के संविधान से लिया गया।
- संविधान में संशोधन के लिए अनुच्छेद 368 में व्यवस्था की गई हैं। यह कहा जाता है कि भारत का संविधान अन्य देशों के संविधान से लिया गया है। यह सही भी है लेकिन भारत का संविधान का निर्माण के समय उसमें बहुत से व्यापक बदलाव भी किये गये हैं।
निष्कर्ष - इस लेख के माध्यम से हमने ‘‘भारत के संविधान’’ के बारे में संक्षिप्त जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। आशा है दी गयी जानकारी आप सभी को पसंद आई होगी। किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए आप हमें कमेन्ट कर सकते हैं।
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